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शनिवार, 7 नवंबर 2020

कोई जब दिल से निकल जाता है ( मेरा विचार )

कोई जब दुनियां से चला जाता है तो दुनियां मिट नहीं जाती ये दुनियां उसके लिए मिट जाती जो दुनियां से चला गया ।
जब कोई घर छोड़ कर चला जाता है तो घर गिर नहीं जाता जाने वाला इस विशाल दुनियां के किसी कोने में अजनबी बन कर जिंदगी गुजारता है मगर जो घर में रह जाता है उसे उसकी यादें , कुछ बातें रह जाती हैं जो धीरे धीरे वक़्त के साथ मिट जाती हैं ।
जब कोई दिल से निकल जाता है तो निकलने वाला और निकालने वाला दोनों को अपने सोच के मुताबिक जिंदगी जीने का रास्ता मिल जाता है कोई किसी के लिए मर नहीं जाता , मरना इतना आसान नहीं है मरने का एक वक़्त तै है जब वो वक्त आ जाएगा तो फिर कोई इस दुनियां में तुम्हें रोक भी नहीं सकता। 
किसी के होने से जीना और किसी के न होने से मरना इसमें सच्चाई है मगर ऐसा सिर्फ 5% लोगों के साथ हुआ है और होता भी है मगर सबके साथ नहीं ।
इस दुनियां वालों ने मुहब्बत के नाम पर कितनों कि जिंदगियां बर्बाद कर दी , इस दुनियां वालों ने अपने पन का नाटक कर के न जाने कितनों के अधिकार और सपनों को छीन लिया, इस दुनियां वालों ने अपने स्वार्थ के लिए क्या क्या नहीं किया ।
इस बहुरंगी दुनियां में कब किसके साथ क्या होगा या हो जाए इसकी कल्पना करना भी मुश्किल है ।
मै आप को बहका नहीं रहा हूँ और न भ्रमित कर रहा हूँ 
कभी जब फुर्सत के वक़्त मिले तो आराम से लेट कर इस दुनियां और दुनियां वालों के बारे में अपने दिल से पूछना दिल सारी सच्चाई सामने ला कर रख देगा मगर फर्क सिर्फ इतना है कि आज हम हकीकत का सामना नहीं कर पाते और न करना चाहते हैं सिर्फ दिमाग लगाने पर विश्वास करते हैं ।

गुरुवार, 5 नवंबर 2020

मोटिवेशन का मतलब क्या है ?

मोटिवेशन का मतलब क्या है ?
अपनी बातों से किसी को इतना उत्साहित कर देना कि वो हर बात मानने को तैयार हो जाए और अपनी पुरी उर्जा के साथ लग जाये। अगर इसको ठेठ और प्रचलित शब्द में कहा जाए तो इसे कहते हैं किसी को भी अपनी बातों में लपेट लेना और इतनी चालाकी से कि सामने वाले को यह जरा भी एहसास न हो कि उसे लपेटा जा रहा है ।
अपनी लच्छेदार बातों से उसके अंदर इतना उर्जा भर देना कि वो जरुरत से ज्यादा एनरजेटिक हो जाए ताकी न किसी कि बात सुने और न मानने को तैयार हो ।
मुझे बार बार यह एहसास होता है कि जितने भी मोटिवेश्नल स्पीकर हैं शायद वो प्रैक्टिकल में नहीं हैं ऐसी ऐसी बातें बोल जाते हैं कि जरा भी एहसासमंद आदमी हो तो उसे घृणा हो जाएगी उसे यह एहसास हो जाता है कि ये जरुरत से ज्यादा बोल रहा है जो दिल और दिमाग के बजाय सर के ऊपर से गुजर जाती है । यह स्पष्ट साबित हो जाता है कि ये आदमी यहां बैठे हजारों या सैकड़ों लोगों को लपेट रहा है ।
खैर वास्तविकता पर दिये गये वक्तव्य को सुन कर सोचा जा सकता है लेकिन जब लोग मोटिवेट करते वक़्त ओवर कान्फिडेन्स में चले जाते हैं तो उस वक़्त और भी ज्यादा तालियां लोगों के द्वारा मिलती है ।
मगर पता नहीं क्यूँ मुझे इन लोगों की बातों में कोई इंट्रेस्ट नहीं क्यों कि मैं जानता हूँ कि ये लोग लोगों को लपेटने के माहिर हैं और लोगों को लपेटने का दो चार लाख रुपये घंटा भी लेते हैं । सुना है कि अब तो इसकी ट्रेनिंग और कोर्स भी होने लगा है ।
जब कोई जमीन से उठ कर जिंदगी से संघर्ष करता हुआ किसी ऊंचे मुकाम को हासिल करता है फिर अपने संघर्षों और विचारों को बताते हुए जब कोई नयी राह दिखाता है तो मैं प्रभावित होता हूं और ऐसे लोगों कि कही हुई बातों के एक एक शब्दों में मैं डूब कर सोंचने पर मजबूर हो जाता हूँ क्यों कि ऐसे लोगों की बातों में हकीकत होती है जो लोगों को प्रेरित करती है ऐसे लोग न किसी के बातों में लपेटाते हैं और न ही किसी को लपेटते हैं प्रमाण के साथ हकीकत सामने लाकर रख देते हैं ।

शुक्रवार, 30 अक्तूबर 2020

चेन सिस्टम

रोटी , सब्जी , दाल , चावल ये चार चीजें आप को तीनों टाईम चाहिए चाहे आप झोंपड़ी में हों या महल में ।
ये कैसे मिलेंगी ?
और कहाँ से आती हैं ?
इसको स्वदिस्ट तरीके से तैयार करने के लिए आप को 
मसाले की जरूरत पड़ती है ।
मसाले कैसे और कहाँ से आएंगे ?
तीसरा मामला कपड़े का हे ।
चौथा मामला दवाई का है ।
पांचवां मामला शिक्षा का है ।
छठवाँ मामला रोजगार का है ।
सातवां मामला आलीशान बंगले का है। 
आठवां मामला उस बंगले में अपने सहूलियतों के हर सामान को जुटाने का है ।
ये सभी पैसों पर आधारित हैं ।
अब उपरोक्त सभी चीजों को हासिल करने के लिए आप को मोटा पैसा चाहिए ।
इसका रास्ता अगर आप खुद बनाते हैं तो आप अपने अनुसार निर्धारित समय पर सब हासिल कर सकते हैं ।
अगर किसी चेन सिस्टम का हिस्सा बन कर हासिल करना चाहते हैं तो सबसे पहले उसे सब हासिल होगा जिसने चेन सिस्टम को बनाया है । उसके बाद आप के सपने हासिल होंगे ।
पंचनबे परसेन्ट लोग चेन सिस्टम को बनाने वाले को उसके लछ्य से ज्यादा हासिल करवा देते हैं और जब अपना नम्बर आता है तो खुद टूट जाते हैं ।
या पुरा सिस्टम ही बंद हो जाता है ।
इससे बेहतर है कि आप जितनी मेहनत किसी और के लिए करने में अपने समय का नुकसान करते हैं उपर से इनकम के उम्मीद पर कर्जदार भी हो जाते हैं ।
उसी गुड सुत्र पर आप खुद के लिए लोगों को हासिल करें और प्राथमिक आवश्यकताओं से शुरू करें। 
जिसकी इन चेन सिस्टमों में लगे तमाम लोगों को जरुरत है। 

मंगलवार, 27 अक्तूबर 2020

आर्थिक आज़ादी

इस देश में मुर्खों और पागलों की कमी नहीं है ।
महान शायर गालिब के कथनानुसार चार पंक्तियां -
चूतियों की कमी नहीं गालिब ।
एक ढूढो हजार मिलते हैं ।।
नगद ढूढो तो उधार मिलते हैं ।
उधार ढूंढो तो बेशुमार मिलते हैं ।।
नेता गिरी एक ऐसा धंधा है । जहां ऐसे ही लोग बेशुमार मिलते हैं । क्यों कि इन चूतियों को नौकरी , तनख्वाह या कैरियर की जरूरत नहीं होती बस पद चाहिए ।
क्यों कि ये धन्धा सीधे देश से होता है । पार्टी को सत्ता में आने से या खुद चुनाव जीत लेने से देश में हिस्सेदारी मिल जाती है । और ये बात सभी नहीं जानते , बस इतना जानते हैं कि किस पार्टी का माला जपना है । किस पार्टी को नीचा दिखाना है और उसका विरोध करना है । उसकी कमियों को दिखा कर माइंड़ डाईवर्ट कर देना है और वो भी उन लोगों का जो राजनीत में इनट्रेस्ट नहीं रखते अपने कमाने खाने में व्यस्त रहते हैं ।
ऐसे ही लोगों को कुछ लालच दे कर इकट्ठा करना और 
धरना , प्रदर्शन और उपद्रव करना साथ में लाठी भी खाना और खिलवाना है । लेकिन पूरे प्रक्रिया में राष्ट्रिय लीडर नहीं होता सब यही बेशुमार वाले होते हैं ।
यकीन न हो तो कोई भी अनाप सनाप पार्टी बना लो सैकड़ों में तो तुरंत मिल जाएंगे फिर हजारों में और इसी तरह बढते हुए बेशुमार वाले कैटेगरी के लोग भर जाएंगे ।
यहां कोई क्वाईलिफिकेशन या डिगरी की जरूरत नहीं होती आत्म निर्भर बनने के लिए हर तरह की संपन्नता का होना जरुरी है । जो रोज कमाता है तब खाता है तो ऐसे लोग आत्म निर्भर कैसे बनेंगे ।
ऐसे लोगों की महामंडी आज भी गरम है । जिसे राजनीति के नाम से जाना जाता है । इसी मंडी में तुम्हें तुम्हारा सही अधिकार मिलेगा और बोलबाला भी ।
जो पार्टीयां बनी हैं उसे सब जानते हैं इससे हटकर अलग से एक पार्टी बनाओ और देश के साथ देश वासियों को भी एक अलग दिशा दो जिसमें सभी के पास समय की आजादी और आर्थिक आजादी दोनों हो ।

रविवार, 25 अक्तूबर 2020

अटूट विश्वास

आप जिसे अपना मानते हैं ।
आप जिस पे भरोसा करते हैं ।
आप जिसकी हर बात मान लेते हैं ।
आप जिसकी बातों में सबूत की जरूरत नहीं समझते। 
सबसे पहले आप के जजबात से खिलवाड़ वही करता है ।
सबसे पहले आप को वही छलता है ।
सबसे पहले आप को नीचा दिखाना वही चाहता है ।
सबसे पहले विश्वास घात वही करता है ।
यह सब तो एक ऐसी परंपरा बन चुकी है जैसे कोई रिवाज़ ।
घबराओ मत जो जिस काबिल हो उस हिसाब से आज़माइश सबकी करते रहा करो। किसी के दिल और दिमाग को बदलते ज्यादा वक़्त नहीं लगता ।
कौन किसके कितने करीब है यह वह भी जानना चाहता है जो खुले तौर पर या पीठ पीछे आप का विरोधी है ।
और ऊपर कही गयी सारी समस्याएं ज्यादा तर यही लोग क्रियेट करते हैं सिर्फ एक दूसरे के अटूट विश्वास को देख कर ।

गुरुवार, 22 अक्तूबर 2020

अदभुत कला

कुछ गीतकार कुछ गायक कुछ संगीतकार कुछ कलाकार हमारे देश में ऐसे हैं कि वो भारत के एक रत्न के समान हैं। जिन्हें सुन कर कोई आंसू बहाता है तो कोई मन के दर्द को हल्का करता है । तो कोई उमंग और मस्ती में डूब जाता है ।
आप के अंदर अगर किसी भी प्रकार का टैलेंट है चाहे वो किसी भी प्रकार का हो कला एक बहुत ही अदभुत चीज होती है तो उसे न दबाएं और न रोकें आप अपनी कला को अपने देश के सामने लाएं इससे बहुतों को प्रेरणा और आगे आने का हौसला मिलेगा कुछ को सीखने का अवसर भी बनेगा। आज आप हैं कल नहीं होंगे मगर आप की यादें हमेशा लोगों के दिलों में बनी रहेंगी ।
अगर आप को अपनी कला को समाज के बीच लाने का कोई रास्ता न मिल पा रहा हो और मजबूर हों तो मुझसे संपर्क करें। मुझे ऐसे लोगों की तलाश है और मैं उन्हें उनके योग्यता के मुताबिक पुरा प्रयास और सहयोग भी करुंगा। 
आप मुझसे काल या वाट्सेप के द्वारा भी जुड़ सकते हैं ।
मेरा नम्बर - 7388939329
                9936351220
VOICE OF HEART = दिल की आवाज़ 
के ब्लागर - डा. जावेद अहमद खान
      स्पेशलिस्ट -  C.N.T. सेलुलर नेरेशमेंट थेरेपी 
                       कोशिकीय पोशण चिकित्सा 


बुधवार, 21 अक्तूबर 2020

परिवर्तन

सच्चाई जान कर आप कुछ नहीं कर पाओगे ।
अन्जाने में आप बहुत कुछ कर जाओगे ।

बेहतर यही होगा कि जिस चीज से अंजान हो उससे अंजान ही रहो अगर हकिकत जानने के पीछे भागोगे तो दर्द और नफ़रत के सिवा कुछ भी नहीं मिलेगा ।
ये अलग बात है कि कुछ चीजों की सच्चाई जानने की जरूरत पड़ती है मगर उसे भी जान कर आप उसमें कोई परिवर्तन नहीं कर सकते । अगर परिवर्तन की कोशिश करोगे तो सबसे पहले विरोधी आप ही बनोगे इस लिए जो जैसे है वैसे ही रहने दो हां बेहतर यही है कि आप को अगर परिवर्तन करतना है तो खुद में ही करें ।
यकीन मानो अगर आप को आप के जिंदगी के बारे में पैदा होने से लेकर मरने तक के एक एक पल की सच्चाई बता दी जाए तो आप का जीना मुश्किल हो जाएगा ।
जो बीत रहा है उसे अप जी रहे हैं और देख भी रहे हैं मगर आने वाले कल के बारे में आप को क्या पता बस एक आस है एक उम्मीदें हैं और एक खूबसूरत प्लान के साथ सपने जिसके सहारे कल आज में बदल जाता है और आप जीते जा रहे हैं ।

मंगलवार, 20 अक्तूबर 2020

फैस्टिवल

भारत में विभिन्न प्रकार के फैस्टिवल हैं जो सभी के पाकेट खाली कर देने वाले हैं लेकिन एक फैस्टिवल ऐसा है जिसे चुनाव के नाम से जाना जाता है जिस में 80% जनता के पाकेट में कुछ न कुछ तो आ ही जाता है ।

शुक्रवार, 2 अक्तूबर 2020

सुरक्षा

अगर किसी के लिए दवा नहीं बन सकते तो उसके लिए रोग भी मत बनो । अगर किसी के काम नहीं आ सकते तो उसके लिए बोझ भी मत बनो ।
लेकिन जहाँ सारी संवेदनाएं मरती जा रही हों लोगों को खुद का एहसास न रह गया हो वहां कोई किसी के सुरक्षा के बारे में क्यों सोंचेगा बल्कि अपनी सुरक्षा स्वयं करनी होगी ।
आत्म निरभरता पैदा करने के लिए दिल को इतना मजबूत तो करना ही पड़ेगा ।

शुक्रवार, 18 सितंबर 2020

कर्मकांड

दुनियां में आने से पहले आने के लिए कोई कर्मकांड नहीं है लेकिन दुनियां से जाने के बाद कई कर्मकांड किये जाते हैं ।
शायद इसी लिए कि सारी मोहमाया मिट जाए और यही होता भी है जब जो पास नहीं होता तो धीरे धीरे सांसारिक गतिविधियों में उलझ कर सब खत्म हो जाता है । ये अलग बात है कि कभी किसी ने कोई चर्चा छेड़ दी तो कुछ बातें याद आ जाती हैं मगर दिल और दिमाग के किसी कोने में यह बात तो रहती ही है कि अब वे इस दुनियां में नहीं रहे ।

बुधवार, 16 सितंबर 2020

मीडिया

फेसबुक , यूट्युब , ट्वीटर , इंस्टाग्राम , ब्लॉग आदि इत्यादि ये सब सोशल मीडिया है ।
इसपर सिर्फ एकाउंट या चैनल बना लेने से ही काम नहीं होत । सबसे पहले आप इस बत को सोंच ले कि आप किस मक़सद से आना चाहते हैं ।
समाज को अपने विचारों से एक नयी दिशा देना चाहते हैं समाज से कुछ सीखना चाहते हैं या समाज को भ्रमित कर के गंदा करना चाहते हैं ।
हर प्लेटफार्म पर लोग हैं और हर तरह के लोग हैं और सबको कुछ न कुछ बोलना है , कुछ न कुछ कहना है या कुछ न कुछ तो दिखाना ही है । 
हम क्या कर रहे हैं यह सही है या गलत कितने लोग देखते हैं इसका एक्सन रिएक्शन क्या है शायद इससे कुछ न लेना देना है और न कोई मतलब बस लगे पड़े हैं । यूटियुब पर भी बहुत सारे लोग हैं जो किसी न किसी चीज की जानकारी देने आते हैं कुछ दिन रहते हैं फिर अचानक गायब हो जाते हैं । कुछ लोग ऐसे भी हैं कि पुरी पुरी सीरीज दिखाते हैं जिसे स्टेप बाई स्टेप दो तीन विडियो में समझाया जा सकता है मगर समय खींचना पन्द्रह से बीस या और ज्यादा विडियो दिखवाने के बाद भी वे टिप्स एण्ड ट्रिक्स पुरे सही नहीं साबित होते विवर्स को दुखी होना पड़ता है ।
कुछ लोग अपनी विडियो को बूम कराने के लिए टाईटल कुछ और देते हैं अंदर मामले कुछ और होते हैं ।
ज्यादा दिन ऐसे लोग भी नहीं टिकते । कुछ ऐसे भी युट्युबर हैं जो टिप्स ऐन्ड ट्रिक्स या टेक्नीकल पर जानकारियां तो देते हैं मगर शायद वो प्रैक्टिकल में नहीं होते हैं ।
जानकारियां तो दे देते हैं मगर जब कोई उसे प्रैक्टिकल में लेता है तो कहीं न कहीं कोई न कोई प्राब्लम आ ही जाती है । जिसके समाधान के लिए बहुत सारे लोगों की विडियोज देखनी पड़ती हैं । हर रोज हर प्लेटफार्म पर लोग आ रहे हैं । हो सकता है कोई प्रैक्टिकल किया हुआ आए और सही जानकारी दे, वही टिकेगा जो सही होगा जिससे लोगों कि समस्याएं हल होंगी ।

शनिवार, 12 सितंबर 2020

जिंदगी

हर आदमी की अपनी जिंदगी है ।
कोई अभाव में जीता है ।
कोई प्रभाव में जीता है ।
कोई दबाव में जीता है ।
कोई अपने स्वभाव में जीता है । जीते तो सभी हैं। 
कोई अपने लिए जीता है तो कोई अपनों के लिए जीता है ।
जिंदगी का फलसफा ही बहुत अजीब है ।
देखने का नजरिया और सुनने का नजरिया भी अलग अलग   है । ज्यादा तर लोग ऐसे भी हैं कि उन्हें अपनी या अपने लोगों की कोई चिंता परवाह नहीं होती बल्कि दूसरों का चक्कर ज्यादा रहता है ।
जब की अपने बारे में अगर वक़्त निकाल कर सोचे तो हम कहां हैं और हमारा दाइत्व क्या है बखुबी समझ आएगा मगर इसकी भी परवाह नहीं ।
छीटा कशी तो अक्सर लोग करते रहते हैं मगर किसने क्या किया ? क्यों किया ? जब उसके तह में जाकर देखेंगे तो यही जवाब मिलता है कि जो हुआ वह ठीक ही हुआ ।
बिना किसी को समझे खुद अपने आप से मनगढंत हल नहीं निकाल लेना चाहिए ।
इस दुनियां में आने वाला हर आदमी वही करता है जो उसके भाग्य में लिखा हुआ है । भाग्य से अधिक या कम कोई चाह कर भी कुछ नहीं कर सकता ।

भोजन

कुछ लोग ये समझते हैं कि भोजन अपने आप बन जाता है । मगर ऐसा नहीं है भोजन बनाने के लिए बहुत सारी सावधानियां बरतने की आवश्यकता होती है । भोजन में 
सभी चीजें जैसा बनाना है वैसी सामग्री हिसाब से डालना पड़ता है इसमें आग का भी रोल होता है । बहुत सारी जीजें ऐसी भी होती हैं कि उन्हें अगर ज्यादा आग की स्पीड दे दी जाम तो वह नष्ट भी हो सकता है अगर नष्ट नहीं हुआ तो स्वाद में अंतर हो जाएगा ।
कुछ पकवान मद्धिम आंच पर पाकाये जाते हैं और कुछ को ज्यादा हीट की आवश्यकता होती है ।
खाना बनाते समय वहां मौजूद रहना जरुरी है और पुरा ध्यान खाना बनाने की ओर होना चाहिए ।
खाना बनाते समय इधर उधर की बातों को सोंचना या उसे छोड़ कर किसी और काम में लग जाना नुकसान दे हो सकता है । एक बात तो निश्चित मान लिजिए कि इधर उधर के कामो में ध्यान बटा कर बनाए गये खाने का स्वाद अलग हो जाता है और खाना बनाने में ध्यान लगाने पर उसका स्वाद अलग होगा मुझे जहां तक तजुरबा है कि खाने को किस रुप में बनाया गया है इसे मैं बता सकता हूँ  । खाना अपने साथ हुए व्यवहार को बताता है और यह तभी जान जाएंगे जब आप को खाना बनाने में इंट्रेस्ट हो । अगर आप को खाना बनाने में दिलचस्बी नही है तो आप सिर्फ इतना ही जान सकते हैं कि नमक ज्यादा है या कम मिर्च ज्यादा है कि कम, मीठा फीका है या ज्यादा । जब की ये कामन सी बात है इन सब चिजों का अनुभव तो स्वतः अप की ज़ुबान की स्वाद कलियां करा देती हैं । खाना बनाना सिर्फ लड़कियों और महिलाओं का ही काम नहीं है इसे पुरुष वर्ग के लोग भी सीख सकते हैं क्यों कि ये भी एक कला है जो जीवन के हर मोड़ पर काम आती है ।

शुक्रवार, 11 सितंबर 2020

फुर्सत

इतने भी खाली मत रहो कि कोई भी , कभी भी , कहीं भी मिल ले । बिना किसी काम के अपने साथ साथ आप का भी पुरा दिन बे मक़सद नष्ट कर दे ऐसे में न आप कुछ कर सकें न कही जा सके और न कुछ सोच सके इस से बेहतर है कि खुद को इतना व्यस्त कर दो कि अगर कोई मिलना भी चाहे तो आप अपने आप से पूछे कि मैं फुर्सत में कब हो पाऊंगा ।

गुरुवार, 10 सितंबर 2020

रिवाज

कभी भी मिलिये किसी से मिलिये या आप फोन पर ही बात कर रहे हों तो लोग इस बात को पुछना नहीं भुलते कि क्या हाल है सब कुछ ठीक है न  ।
अगले व्यक्ति को ये जवाब देना पड़ता है कि हां सब ठीक है बल्कि सच्चाई तो ये है कि कुछ भी ठीक नहीं है हर इंसान अपने आप में ही उलझा हुआ है और वह इस कोरोना जैसी महामारी के बाद अपनी नये तरीके से ज़िन्दगी को चलाने और जीने के लिए संभावनाओं को तलाशने में लगा हुआ है । सब कुछ ठीक है कह देना तो लोगों का एक तकिया कलाम यानी की फारमेल्टी, रिवाज, या परंपरा कह सकते हैं कि बन चुका है ।

बुधवार, 9 सितंबर 2020

दिल और दिमाग

दिल और दिमाग दोनों गतिशील होते हैं ।
वक़्त और हालात के मुताबिक आहिस्ता आहिस्ता ठहराव आता है । समझदार और एहसासमंद लोगों को कुछ ज्यादा ही भटकना पडता है । कुछ लोग ऐसे भी मिलते हैं जो बुढ़ापे की ओर कदम बढा चुके होते हैं मगर आदत और हरकतें बचपने की ही होती हैं ।

सोमवार, 31 अगस्त 2020

संकेत

एक सपना है जो जागने नहीं देता ।
एक सपना है जो सोने नहीं देता ।
इस बात को तो बहुत सारे लोग जानते हैं ।
लेकिन एक सपना ऐसा भी होता है जब दर्दनाक चीख के साथ आदमी उठ कर बैठ जाता है ।
कभी कभी तो आदमी इतना डरा हुवा होता है कि रोने भी लगता है । 
अब इसमें कौन से अर्थ निकाले जाएं , जागने न देने वाले
या सोने न देने वाले । जब की यही सपना है जो भूत ,
भविष्य और वर्तमान तीनों से संबंध रखता है जिसमें जीवन की सार्थकता और कुछ संकेत छुपे होते हैं ।

सोमवार, 27 जुलाई 2020

दोस्त

 दोस्त किसे कहते हैं ?
इसके बारे में मैं अपने विचार बताउगा ।
दोस्त का शाब्दिक अर्थ संधिविछेद कर के देखें -
दो + अस्त = दोस्त ।
दो का मतलब एक और एक दो ।
अस्त का मतलब ढूबना ।
जब दो लोग आपस में एक दुजे के विचारों में 
समस्याओं में , सुख, दुख में , वर्तमान में , भविष्य में 
सोते जागते, डुबे रहते हों तो उन्हें दोस्त कहा जाता है ।
इसी परिस्थिति में ये वाक्यांश आते हैं जैसे -
जो कुछ मेरा वो सब तेरा  ।
जो कुछ तेरा वो सब मेरा  ।।
इसे ही दोस्त कहते हैं जहाँ कोई हिसाब नहीं होता ,
जहाँ कोई स्वार्थ नहीं होता , जहा सिर्फ शान्ति होती है
मन और मस्तिष्क की, जहां सिर्फ आनन्द होता है ह्रदय
के प्रेम का, जहां न कोई तुम रहता है और न कोई मैं 
वहां सिर्फ हम होते हैं ।
फिर किसी एक का दुख नहीं होता , वह दुख हमारा हो
जाता है , सुख हमारा हो जाता है , असफलता हमारी हो
जाती है , सफलता हमारी हो जाती है , आदि इत्यादि ।
क्या आप ने कभी ऐसी दोस्ती की है या हुई है ?
सिर्फ साथ रहने से। साथ घूमने से। साथ कुछ काम करने से दोस्ती का नाम नहीं दिया जा सकता है इसे पहचान 
कहा जा सकता है । इसे परिचित कहा जा सकता है ।
इसे विश्वास कहा जा सकता है । इसे एक भरोसा कहा जा सकता है । इसे पार्टनर कहा जा सकता है ।
आप के साथ रहने वाला व्यक्ति आप के साथ मौल में भी
जाता है , बिग बजार में भी जाता है , मार्केट में भी जाता है आप अपने लिए शौपिंग करते हो जो जो चीजें आप अपने लिए लेते हैं क्या उसके लिए भी लेते हैं जो आप के साथ है नहीं न । इसी लिए अपने बराबर हर चीज़ उसके लिए नहीं खरीद सकते क्यों कि वह आप का दोस्त नहीं है आप तो सिर्फ दोस्ती के नाम पर उसे लपेटे हुए हैं । हर पल हर जगह साथ रहने वाले व्यक्ति को आप ने दोस्ती का नाम दे कर बहकाया है और आप उसे साथ लेकर अपना स्वार्थ पुरा करने में लगे हैं आप जब कुछ खरीदते हैं और उसी से पुछते भी हैं कि अच्छा है न, ठीक लगेगा न और सिर्फ अपने लिए लेते हैं तो वो आप की इस हरकत से एहसास कर लेता है कि आप उसके लिए क्या हैं और कितने करीब हैं और उसके किन किन मामलों में शामिल हैं इससे साथ रहने वाले को दुख होता है वह सोचता है कि अगर मेरे पास भी पैसा होता तो जो उसके लिए पसंद किया है वैसे ही अपने लिए भी अपनी पसंद की चीजों को खरीदता इस लिए आप को जब भी कुछ भी लेना हो तो अकेले ही जाएं किसी ऐसे परिचित को साथ न लें जिसे आप अपना दोस्त कहते हैं ।
आप लोगों से निवेदन है कि दोस्त और परिचित के फर्क 
को समझने की कोशिश करें दोस्ती के नाम को कलंकित
कर के उसे बदनाम न करें ।

मंगलवार, 7 जुलाई 2020

बर्दास्त

जिंदगी को जिने के लिए और उसे खुशहाल बनाने के लिए जजबात की जरूरत नहीं होती बल्कि बर्दास्त की जरूरत होती है बहुत कुछ सुनना पड़ता है , बहुत कुछ झेलना पड़ता है , बहुत कुछ बर्दास्त करना पड़ता है ।
जिंदगी अपने सही ढर्रे पर एक दो दिन में नहीं आती और
न एक दो साल में आती है काफी वक़्त लगता है ।

सोमवार, 6 जुलाई 2020

सकारात्मक

हर चीज़ नकारात्मक नहीं होती । सकारात्मकता भी कुछ होती है अगर सकारात्मक देखें तो वास्तव में सब कुछ सकारात्मक ही है । नकारात्मक सोच आप को भटकाती है सकारात्मक सोच सही मार्ग पर ले जाती है ।
आप को खुद को यानी अपने आप को बदलने की जरूरत नहीं है बल्कि अपनी सोंच को बदलने की जरूरत है जिस दिन आप अपनी सोंच को बदल देंगे उस दिन से आप का सब कुछ बदल जाएगा ।