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शनिवार, 12 सितंबर 2020

जिंदगी

हर आदमी की अपनी जिंदगी है ।
कोई अभाव में जीता है ।
कोई प्रभाव में जीता है ।
कोई दबाव में जीता है ।
कोई अपने स्वभाव में जीता है । जीते तो सभी हैं। 
कोई अपने लिए जीता है तो कोई अपनों के लिए जीता है ।
जिंदगी का फलसफा ही बहुत अजीब है ।
देखने का नजरिया और सुनने का नजरिया भी अलग अलग   है । ज्यादा तर लोग ऐसे भी हैं कि उन्हें अपनी या अपने लोगों की कोई चिंता परवाह नहीं होती बल्कि दूसरों का चक्कर ज्यादा रहता है ।
जब की अपने बारे में अगर वक़्त निकाल कर सोचे तो हम कहां हैं और हमारा दाइत्व क्या है बखुबी समझ आएगा मगर इसकी भी परवाह नहीं ।
छीटा कशी तो अक्सर लोग करते रहते हैं मगर किसने क्या किया ? क्यों किया ? जब उसके तह में जाकर देखेंगे तो यही जवाब मिलता है कि जो हुआ वह ठीक ही हुआ ।
बिना किसी को समझे खुद अपने आप से मनगढंत हल नहीं निकाल लेना चाहिए ।
इस दुनियां में आने वाला हर आदमी वही करता है जो उसके भाग्य में लिखा हुआ है । भाग्य से अधिक या कम कोई चाह कर भी कुछ नहीं कर सकता ।

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