hello my dear friends. mai javed ahmed khan [ javed gorakhpuri ] novelist, song / gazal / scriptwriter. mare is blog me aapka dil se swaagat hai.
Translate
शनिवार, 6 मार्च 2021
खूबसूरत दिल और अच्छा दिमाग
खूबसूरत जिस्म और अच्छे कपड़े का मतलब यह नहीं है कि खूबसूरत दिल और अच्छा दिमाग भी हो ।
Tags
डायलॉग
My YouTube chainnal name is.
JAVED GORAKHPURI
मंगलवार, 2 मार्च 2021
जरुरतें और सोंच
पहले संसाधन कम थे , तो लोगों की जरुरतें और सोंच उन्हीं संसाधनों के अनुसार थीं ।
Tags
डायलॉग
My YouTube chainnal name is.
JAVED GORAKHPURI
सोमवार, 1 मार्च 2021
मुहब्बत में या किसी दुश्वारी में
बेबसी में या किसी लाचारी में ।
मुहब्बत में या किसी दुश्वारी में ।।
कुछ तो है , जो साथ लाई हूं ।
अब न छोडुंगी मैं कभी तुमको ।
आज दिल से ये कसम खाई हूं ।।
जो बीत गई है उसे बीत जाने दो ।
अब अंधेरे का कोई ग़म मत करना ।
उजाला बन कर तुम पर मैं छाई हूं ।।
दिल को शीशे में मत ढालना जावेद ।
Tags
ग़ज़ल
My YouTube chainnal name is.
JAVED GORAKHPURI
रविवार, 28 फ़रवरी 2021
सब्र कितने प्रकार के होते हैं ?
सब्र कितने प्रकार के होते हैं ?
मेरे सर्वे के अनुसार सब्र मुख्यत: दो प्रकार के होते हैं ।जैसे 1- वास्तव में सब्र करना जैसे करने के लिए कहा गया है । 2-जब कोई रास्ता ही न रह जाए , जब कोई वश न चले , जब इंसान मजबूर हो जाय तब वह अपने आप से , अपने हालात से समझौता कर लेता है । इसी को वह अपने लोगों को बताता है कि मैंने सब्र कर लिया , और लोग भी समझते हैं कि वास्तव में उसने बहुत सब्र किया है । सब्र का फल ज़रुरी नहीं है , कि आप को आप के मर्जी के मुताबिक मिले । आप का काम है सब्र करना , और आप के हालात के अनुसार , आप के भाग्य के अनुसार फल मिलते हैं । कभी - कभी ऐसा भी होता है , कि आप के सब्र से भी आप को आप के जीवन में कोई फल नहीं मिलता . आप के पीछे आने वाले आप के नये जनरेशन को मिलता है । इस बात को बहुत सारे लोग नहीं जानते , अगर यह जान जाएं कि हो सकता है , कि इस सब्र का फल मुझे नहीं बल्कि मेरे पीछे आने वाले लोगों को मिलेगा , तो लोग सब्र करना छोड़ सकते हैं । क्यों कि सब्र में बहुत परेशानियां और तकलीफें होती हैं ।इसी वजह से ही शायद लोग कहते हैं , कि आज आप जो कुछ भी हैं । यह सब आप के पुर्वजों के अच्छे कर्म और त्याग से ही हैं । ऐसा नहीं है कि सब्र का फल कामयाबी और अमीरी से ही मिले । सब्र का फल लंबी उम्र ( हयात ) के शक्ल में भी मिल सकती है ।
Tags
विचारात्मक लेख
My YouTube chainnal name is.
JAVED GORAKHPURI
शनिवार, 27 फ़रवरी 2021
बिज़नेस से भी लोग कामयाब और अमीर होते हैं
बैठने का बिज़नस कभी मत करना और न बैठने से समझौता । तुम्हें कुछ पाना है , या पुरा करना है , तो अपनी कल्पनाओं के रफ्तार से चलना होगा ।
तुम बैठ जाओगे तो तुम्हारा समाज बैठ जाएगा , तुम्हारे सपने मुरझाकर बैठने लगेंगे , शरीर कमजोर पड़ने लगेगा , तुम्हारी आज़ादी खतम हो जायेगी ।
तुमसे जो मिलने आता है । तुम उससे मिलने नहीं जा सकते , इस लिए वो भी मिलने आना छोड़ देगा ।
क्यों कि वो अपने कल्पनाओं में संजोए सपनों को साकार करने के लिए दिन रात भाग रहा है । उसके पास भी फुर्सत नहीं है , लेकिन वो आज़ के दौर में इस लिए तुमसे मिलने आता है , कि शायद तुम उसके सहयोगी बन कर उसके साथ चल सको ।
बैठने का भी बिज़नस होता है , लेकिन इसका समय , इसकी अवस्था अलग होती है । जैसे -
1- जब कई बिमारियां घेर लेतीं हैं ।
2- जब उमर ढलने लगती हैं ।
3- जब बहुत ज्यादा दौलत हो जाती है ।
4- जब कोई टैंशन नहीं रह जाती ।
5- जब सिर्फ टाईम पास करना रह जाता है ।
तब स्थाई रूप से कोई बिज़नस कर के बैठ जाते हैं लोग ।
ये रिटायर्ड लाईफ वाले लोग होते हैं ।
सबसे पहले यह देखना होगा कि आप बैठने का जो बिज़नस प्लान कर रहे हैं , उसकी संभावनाएं कितनी और कहां तक हैं । आप अपने बिजनेस से सिर्फ जी , खा सकते हैं , या आर्थिक आज़ादी भी पा सकते हैं । समय बर्बाद होगा या समय और पैसे का सही सदुपयोग होगा ।
बहुत सारे लोगों ने बैठने का बिज़नस किया है । आज वे ज़रुरत से ज्यादा कामयाब भी हैं । आप को इस रहस्य को बारीकी से समझना होगा कि उस बिज़नस का राज़ क्या है ? और उस बिज़नस को करने वाले की क्वालिटी क्या है ? क्या आप के अंदर भी वे चीजें हैं ?
अंधेरे में तीर चलाने की जरूरत नहीं है । सब कर रहे हैं तो मैं क्यों नहीं कर सकता ऐसा सोचने की भी जरूरत नहीं है ।
किसका नसीब किस बहाने रंग लाता है , यह एक गहरा रहस्य होता है । करना आप को है पाना आप को है इस लिए वही करें जो आप से हो सकता है , जिससे आप वो सब पा सकते हैं , जो आप पाना चाहते हैं । वर्ना अपनी ललाश जारी रक्खें तब-तक , जब-तक आप पुरी तरह से संतुष्ट न हों जाएं । एक पुरानी कहावत है कि -
कूआं प्यासे के पास नहीं जाता ।
प्यासे को कूंए के पास जाना पड़ता है ।
उठो , निकलो , चलो अपने शौक अपने अरमानों को तलाशो कोई न कोई माध्यम तो ज़रूर मिलेगा ।
अपने आप को किसी बंदिशों में मत बांधो ।
तुम क्या सोचते हो कि तुम्हारा घर , तुम्हारा परिवार , तुम खुद चलाते हो तो ये तुम्हारी सबसे बड़ी भूल है । हर इंसान को केयर करने वाला कोई और है । तुमको सिर्फ उसने एक माध्यम बनाया है । जब तुम इस दुनियां से चले जाओगे तो क्या तुम्हारे पीछे जो लोग हैं वे जिएंगे नहीं ?
या तुम उन्हें भी अपने साथ लेकर जाओगे ?
हम सभी जानते हैं कि जो इस दुनियां में आया है , वो अपना कर्म और अपना नसीब लेकर आया है । हम किसी के अन्दर कोई परिवर्तन , कोई बदलाव नहीं कर सकते ।
फिर तुम परेशान क्यूं हो ?
जानते हो क्यूं ?
क्यूं की इस दुनियां की मायावी जाल ने तुम्हें अपने अन्दर , अपनी पुरी ताक़त से लपेट लिया है । तुम्हें अंधा भी कर दिया है । तुम्हें बहरा भी कर दिया है ।
अब तुम कुछ कर भी नहीं सकते । अब तुम अपनी जिंदगी से समझौता कर चुके हो । कल्पनाओं की एक हसींन दुनियां है जो तुम्हारी अपनी नीजी संपत्ति है । इसी हसींन खयालों में डूबे मस्त पड़े रहना है और बिना कुछ किए सब कुछ हासिल हो जाने का इंतजार करना है ।
Tags
विचारात्मक लेख
My YouTube chainnal name is.
JAVED GORAKHPURI
शुक्रवार, 26 फ़रवरी 2021
दुनियां में भी बिगड़ता है और वहां भी बिगड़ता है
तुम सोचते हो कि मैं उसका बिगाड़ रहा हूं ।
दुनियां में तो जरुर उसका कुछ बिगड़ता है , क्यों कि तुम दिन रात सिर्फ उसके बिगाड़ने में ही लगे रहे , लेकिन वहां उसका बनता रहा जहां उसे इस दुनियां को छोड़ कर एक दिन जाना है । उसके लिए वहां तुमने ही बनाया है । यहां उसका बिगाड़ कर ।
जब किसी का बिगाड़ते हो , तो तुम्हारा दुनियां में भी बिगड़ता है , और वहां भी बिगड़ता है ।
Tags
डायलॉग
My YouTube chainnal name is.
JAVED GORAKHPURI
गुरुवार, 25 फ़रवरी 2021
बिना माध्यम के कुछ भी नहीं है
जन्म भी किसी के माध्यम से ही होता है ।
मृत्यु भी किसी के माध्यम से ही होती है ।
नसीब भी किसी के माध्यम से ही बदलता है ।
अपमान भी किसी के माध्यम से ही होता है ।
सम्मान भी किसी के माध्यम से ही होता है ।
दुःख और कष्ट भी किसी के माध्यम से ही होता है ।
शोहरत और दौलत भी किसी के माध्यम से ही मिलती हैं ।
कामयाबी भी किसी के माध्यम से ही मिलती है ।
नाकामयाबी भी किसी के माध्यम से ही मिलती है ।
इंसान के सपने भी किसी के माध्यम से ही पुरे होते हैं ।
इंसान अपनी मंजिल भी किसी के माध्यम से ही पाता है ।
जिंदगी के हर पल में । जिंदगी के हर मोड़ पर । जिंदगी के हर काम में एक माध्यम ही होता है ।
मानता हूं कि सब अल्लाह , ईश्वर के मर्जी से ही होता है ।लेकिन वो स्वयं कभी सामने आकर कुछ नहीं करता , क्यों कि आप मानव हैं । इस लिए मानव का माध्यम मानव को ही बनाता है । बिना माध्यम के कुछ भी नहीं है , न कुछ होता है और न तो कुछ होगा ।
Tags
विचारात्मक लेख
My YouTube chainnal name is.
JAVED GORAKHPURI
बुधवार, 24 फ़रवरी 2021
सफलता , कामयाबी कैसे मिलती है ?
सफलता , कामयाबी कैसे मिलती है ? लोग कामयाब नही होते उनके सपने उनको कामयाब बनाते हैं । सपनों को कामयाब करने के लिए उसमें इतना डूब जाओ कि उस सपने में जान पैदा हो जाय ।
जिस दिन आप के सपनों में जान पैदा हो जाएगी , उस दिन आप अपने सपनों के सहारे कामयाब हो जाएंगे ।
Tags
विचारात्मक लेख
My YouTube chainnal name is.
JAVED GORAKHPURI
मंगलवार, 23 फ़रवरी 2021
पाप की दुनियां बहुत ही आकर्षक और रंगीन होती है
एक पाप से एक हज़ार पुन्य के रास्ते बंद होते हैं ।
एक पुन्य से एक हज़ार पाप के रास्ते बंद होते हैं ।
अब यह फैसला आप के ऊपर निर्भर करता है कि आप कौन सा रास्ता खोलना चाहते हैं और कौन सा रास्ता बंद करना चाहते हैं ।
पाप की दुनियां बहुत ही आकर्षक और रंगीन होती है ।
इससे बाहर निकलना संभव 1% होता है । असंभव 100% होता है ।
इसमें चाहतों के अनुसार आनंद है । इसमें से बाहर निकलना कोई जल्दी नहीं चाहता और न तो ये रंगीन दुनियां बाहर निकलने देती है ।
Tags
विचारात्मक लेख
My YouTube chainnal name is.
JAVED GORAKHPURI
सोमवार, 22 फ़रवरी 2021
धर्म का नाम आते ही लोग शांत क्यों हो जाते हैं ?
धर्म का नाम आते ही लोग शांत क्यों हो जाते हैं ?
या फिर बहुत ज्यादा बोलने लगते हैं ।
क्या धर्म लोगों को आकर्षित करता है ? या
लोग धर्मों से आकर्षित होते हैं ?
पौराणिक मान्यताओं के आधार पर आस्था और विश्वास का यह सिलसिला सदियों से चला आ रहा है ।
इसी आस्था का , इसी विश्वास का , लाभ लेने के लिए कुछ ना समझ लोग , कुछ लोगों को उन्मादी बना देते हैं ।
उन्माद फैलाने वाले लोगों को धर्मों की कोई जानकारी नहीं है । इन्हें जो बता दिया जाता है । इन्हें जो समझा दिया जाता है , उसे मान लेते हैं , क्यों कि ये लोग परंपरागत तौर से आस्था वादी है । ये पुर्ण विश्वास कर लेने वाले होते हैं ।
इनमें कुछ पढे लिखे लोग भी हैं , और कुछ अनपढ़ भी हैं ।इन दोनों को धार्मिक जानकारी पढ़ कर लेने की जरूरत नहीं महसूस होती सिर्फ लोगों के द्वारा सुन कर मान लेते हैं , और विश्वास कर लेते हैं ।
इसे कहते हैं धर्म से आकर्षित होना और आकर्षित हो कर बधे रहना । शांत वही लोग होते हैं , जो लोग कुछ जानते हैं । या पूरी जानकारी रखते हैं ।
जो बहुत ज्यादा बोलने लगते हैं , वो ज्यादा लोगों से उन्मादी बातों को धर्म के नाम पर सुन- सुन कर अपने आप को ज्यादा जानकार समझ बैठे हैं ।
ऐसे लोगों को जब कोई ज्ञ्यानी मिल जात है , तो इन्हें पता ही नहीं चलता कि ये कौंन हैं ? उनकी सुनने के बजाय अपनी सुनाने लग जाते हैं , जैसे खुद ही महा ज्ञ्यानी हो चुके हैं ।
अंत में ऐसे लोगों से ज्ञ्यानी जी हाथ जोड़ कर छमा मांग लेते हैं , और बहुत ही साधारण शब्दों में यह कह कर उठ जाते हैं कि श्रीमन मैं ही ग़लत हूं , मैं अपनी हार मानता हूं , और आप की जीत हुई क्यों कि आप ज्ञ्यानी नहीं बल्कि महा ज्ञ्यानी हैं ।
कभी फुर्सत के वक़्त मिले , तो आप से ज्ञ्यान प्राप्त करने के लिए आप से अवश्य मिलेंगे । इतनी सी बातों में ही सुनी सुनाई ज्ञ्यान वाले अपनी खुशी में गदगद हो जाते हैं ।
मुझे लगता है , कि ऐसे धार्मिक लोगों की संख्या ज्यादा है ।
यही वजह है , कि ऐसे लोगों को उन्मादी बनाने में ज्यादा समय नहीं लगता । जो समझा देंगे जो सुना देंगे उसमें वे पूरी आस्था के साथ धर्म के नाम पर विश्वास कर के चल पड़ते हैं । जरूरत है लोगों को सही दिशा देने की जिससे सभी को गुडफील हो सके । आज कोई धर्म ख़तरे में नहीं है
न था और न रहेगा । ख़तरे में सिर्फ लोग हैं और हो सकता है कि तब-तक रहें जब-तक सभी धर्मों के लोगों को आदर और सम्मान पुर्वक समझने की कोशिश नहीं करेंगे ।
एक दूसरे को समझने से ही पता चलेगा कि कौंन सा धर्म किस धर्म के लोगों के लिए उन्माद का पाठ पढ़ा रहा है ।
इस अखन्ड भारत को ही मैं पूरे विश्व के रूप में देखता हूं
जहां सभी धर्मों के लोग बसते हैं । आस्था वादी भी हैं और नास्तिक भी हैं । विभिन्न प्रकार के त्योहार , विभिन्न प्रकार के परिधान , विभिन्न प्रकार के खान पान और विश्व के सारे मौसम । अखंड भारत का नागरिक विश्व के किसी भी कोने में किसी भी मौसम में अपने आप को जीवित रख सकता है। लोगों को चाहिए कि विश्व में जाकर अपने कल्चर और धर्म को फैलाएं , न कि एक ही तालाब में रहते हुए उस तालाब को अपने अधीन समझ कर अपना साम्राज्य समझ बैठें क्यों कि एक तालाब में बहुत सारे जीव जंतु होते हैं ।
ख़तरा सभी को एक दूसरे से बना रहता है चाहे छोटा जीव हो या बड़ा ।
Tags
विचारात्मक लेख
My YouTube chainnal name is.
JAVED GORAKHPURI
सदस्यता लें
संदेश (Atom)