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शनिवार, 27 फ़रवरी 2021

बिज़नेस से भी लोग कामयाब और अमीर होते हैं

बैठने का बिज़नस कभी मत करना और न बैठने से समझौता । तुम्हें कुछ पाना है , या पुरा करना है , तो अपनी कल्पनाओं के रफ्तार से चलना होगा ।
तुम बैठ जाओगे तो तुम्हारा समाज बैठ जाएगा , तुम्हारे सपने मुरझाकर बैठने लगेंगे , शरीर कमजोर पड़ने लगेगा , तुम्हारी आज़ादी खतम हो जायेगी ।
तुमसे जो मिलने आता है । तुम उससे मिलने नहीं जा सकते , इस लिए वो भी मिलने आना छोड़ देगा ।
क्यों कि वो अपने कल्पनाओं में संजोए सपनों को साकार करने के लिए दिन रात भाग रहा है । उसके पास भी फुर्सत नहीं है , लेकिन वो आज़ के दौर में इस लिए तुमसे मिलने आता है , कि शायद तुम उसके सहयोगी बन कर उसके साथ चल सको ।
बैठने का भी बिज़नस होता है , लेकिन इसका समय , इसकी अवस्था अलग होती है । जैसे -
1- जब कई बिमारियां घेर लेतीं हैं । 
2- जब उमर ढलने लगती हैं ।
3- जब बहुत ज्यादा दौलत हो जाती है । 
4- जब कोई टैंशन नहीं रह जाती । 
5- जब सिर्फ टाईम पास करना रह जाता है । 
तब स्थाई रूप से कोई बिज़नस कर के बैठ जाते हैं लोग । 
ये रिटायर्ड लाईफ वाले लोग होते हैं ।
बैठने के बिजनेस से भी लोग कामयाब और अमीर होते हैं ।
सबसे पहले यह देखना होगा कि आप बैठने का जो बिज़नस प्लान कर रहे हैं , उसकी संभावनाएं कितनी और कहां तक हैं । आप अपने बिजनेस से सिर्फ जी , खा सकते हैं , या आर्थिक आज़ादी भी पा सकते हैं । समय बर्बाद होगा या समय और पैसे का सही सदुपयोग होगा ।
बहुत सारे लोगों ने बैठने का बिज़नस किया है । आज वे ज़रुरत से ज्यादा कामयाब भी हैं । आप को इस रहस्य को बारीकी से समझना होगा कि उस बिज़नस का राज़ क्या है ? और उस बिज़नस को करने वाले की क्वालिटी क्या है ? क्या आप के अंदर भी वे चीजें हैं ?
अंधेरे में तीर चलाने की जरूरत नहीं है । सब कर रहे हैं तो मैं क्यों नहीं कर सकता ऐसा सोचने की भी जरूरत नहीं है ।
किसका नसीब किस बहाने रंग लाता है , यह एक गहरा रहस्य होता है । करना आप को है पाना आप को है इस लिए वही करें जो आप से हो सकता है , जिससे आप वो सब पा सकते हैं , जो आप पाना चाहते हैं । वर्ना अपनी ललाश जारी रक्खें तब-तक , जब-तक आप पुरी तरह से संतुष्ट न हों जाएं । एक पुरानी कहावत है कि -
कूआं प्यासे के पास नहीं जाता ।
प्यासे को कूंए के पास जाना पड़ता है ।
उठो , निकलो , चलो अपने शौक अपने अरमानों को तलाशो कोई न कोई माध्यम तो ज़रूर मिलेगा ।
अपने आप को किसी बंदिशों में मत बांधो ।
तुम क्या सोचते हो कि तुम्हारा घर , तुम्हारा परिवार , तुम खुद चलाते हो तो ये तुम्हारी सबसे बड़ी भूल है । हर इंसान को केयर करने वाला कोई और है । तुमको सिर्फ उसने एक माध्यम बनाया है । जब तुम इस दुनियां से चले जाओगे तो क्या तुम्हारे पीछे जो लोग हैं वे जिएंगे नहीं ?
या तुम उन्हें भी अपने साथ लेकर जाओगे ?
हम सभी जानते हैं कि जो इस दुनियां में आया है , वो अपना कर्म और अपना नसीब लेकर आया है । हम किसी के अन्दर कोई परिवर्तन , कोई बदलाव नहीं कर सकते ।
फिर तुम परेशान क्यूं हो ?
जानते हो क्यूं ? 
क्यूं की इस दुनियां की मायावी जाल ने तुम्हें अपने अन्दर , अपनी पुरी ताक़त से लपेट लिया है । तुम्हें अंधा भी कर दिया है । तुम्हें बहरा भी कर दिया है ।
अब तुम कुछ कर भी नहीं सकते । अब तुम अपनी जिंदगी से समझौता कर चुके हो । कल्पनाओं की एक हसींन दुनियां है जो तुम्हारी अपनी नीजी संपत्ति है । इसी हसींन खयालों में डूबे मस्त पड़े रहना है और बिना कुछ किए सब कुछ हासिल हो जाने का इंतजार करना है ।

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