जन्म लेने से लेकर मरने तक सभी लोग उपभोक्ता हैं।
पहले गवर्नमेन्ट की व्यवस्थाओं के।
दूसरे बिजनेस मैन के।
उसके बाद सामाजिक, धार्मिक तथा अन्य के।
बिजनेस में आज सबसे बड़ा नेटवर्क मोबाइल सिम
और उसके रिचार्ज का है।
मैं समझता हूँ कि आज भारत में 95% लोग इसके युजर हैं जिस भी नियम को बनाया गया लोगों को भले ही दुखी होना पड़ा मगर कबूल किया चाहे कर्ज ले कर ही रिचार्ज कराना पड़े लोग कराते हैं।
अब चाहे लोगों के मजबूरियों का फायदा लिया जा रहा हो या कंपनियों की मजबूरी हो लेकिन जिसके जितने यूजर बन चुके हैं वो अब खतम नहीं होंगे।
आज जो महामारी हमारे देश में आई है ये बहुत ही
भयावह है ऐसे में घर से निकलना बहुत बड़े खतरे को
मोल लेने के बराबर होगा और ये खतरा लेकर भी क्या
करेंगे जब हर तरफ हर चीज़ की दुकानें बन्द हैं ।
ऐसी परिस्थिति में मैं यही कहुंगा कि जितनी भी रिचार्ज
कंपनियां हैं वे अपने यूजरों को एक महीने की आउटगोइंग इनकमिंग और डाटा सहानुभूति में दें ताकी जो लोग जहाँ भी फंसे हैं वे अपनों के साथ ही साथ सरकारी एवं गैर सरकारी सहायता केन्द्रों से जुड़ सकें ।
यह सहयोग इस दुख की घड़ी में जनता के लिए बहुत ही
लाभकारी सिद्ध होगा। जो हमेशा याद रहेगा।
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