जिन्हों ने अल्लाह को राजी करने के लिए
अपने बादशाहियत की गद्दी छोड़ दी।
आज उन्हीं के कदमों में दुनियां झुकी है।
उन्हें पता था कि दुनियां एक दिन फना
होने वाली है तो चन्द दिनों की हुकूमत का क्या
उन्हें दुनियां के ताजो तख्त की न लालच थी और
न परवाह उन्हें सिर्फ दीन की चाहत और लालच थी
ताकी मरने के बाद भी अमर हो सकें।
मगर आज लोगों को दुनियां और दुनियां के ऐशो इसरत
की चहत है चाहे जितने भी अपराध, पाप और अन्याय
क्यों न हो जाएं ।
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