वक्त ने तोड़ दिया हालात ने भी जकड़ा है ।
ये कौन है जो मेरा पांव अभी भी पकड़ा है ।।
समझ चुका है कि अब मौत ही सजा है मेरी ।
इससे बचने की कोई तरक़ीब लिए अकड़ा है ।।
चलेगी ज़ुबान न आवाज़ गले से निकलेंगी ।
वक़्त इस दुनिया में सबसे ज्यादा तगड़ा है ।।
अजीब लोग हैं यहां सरेआम मुकर जाते हैं ।
ये जाल बुनने वाले आठ पैर के मकडा है ।।
समझ रहे हो तो सब्र कर के जीलेना जावेद ।
यहां सब पतलब परस्ती का सारा झगड़ा है ।।
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