कौन सी चीज खो दिया तुमने ।
आज़ बर्बस ही रो दिया तुमने ।।
चुभ रहा है तुम्हें , आज जो कांटा ।
उस को पहले ही , बो दिया तुमने ।।
कुछ भी हैरत नहीं है दुनियां में ।
मिल रहा है वही जो दिया तुमने ।।
अब चुप-चाप देखते सहते जाओ ।
दुखती रग को जो टो दिया तुमने ।।
वो तो हंसा करता था हर लोगों पर जावेद ।
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