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गुरुवार, 31 दिसंबर 2020

कुछ भी हैरत नहीं है दुनियां में

कौन सी चीज खो दिया तुमने ।
आज़ बर्बस ही रो दिया तुमने ।।

चुभ रहा है तुम्हें , आज जो कांटा ।
उस को पहले ही , बो दिया तुमने ।।

कुछ भी हैरत नहीं है दुनियां में ।
मिल रहा है वही जो दिया तुमने ।।

अब चुप-चाप देखते सहते जाओ ।
दुखती रग को जो टो दिया तुमने ।।

वो तो हंसा करता था हर लोगों पर जावेद ।
आज क्यूं मुझसे मिलते ही रो दिया तुमने ।।

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