Translate

शनिवार, 5 दिसंबर 2020

इन्सानों से इन्सानों का छुपा क्या है

इंसानों से इंसानों का छुपा क्या है । सब एक दूसरे की हकीकत को जानते हैं । हां ये अलग बात है , कि कोई अजनबी है । जिसे आप नहीं जानते , तो उसका सब कुछ छुपा है । लेकिन अगर जानने पर आ जाओ , तो उसके प्रतिद्वंदी और उस से जलने वाले , उसके दुश्मन ही उसके सात पुस्त की दास्तान बता देंगे । आप को उस अजनबी से मिलने और बात करने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी । यही है आधुनिक मानव सभ्यता । जब कुछ छुपा ही नहीं है , तो फिर क्या जनरल और क्या स्पेशल , अगर जनरल और स्पेशल है , तो सिर्फ पैसे की वजह से है । मानवता के नजरिये से अन्याय है । इसी अन्याय को आज लोग अपना स्टैंडर्ड समझते हैं । दिन रात इसी के पीछे भाग रहे हैं । खुद को परेशान और बर्बाद किये जा रहे हैं । जब कि यहां से कुछ भी तुम्हें रिफन्ड नहीं होने वाला सिवाए हताश और निराश होने के । जो वास्तविकता  है  उस  वास्तविकता  को   समझो , अपने आप को और अपने काम को एक नजरिये से देखने और करने की सकारात्मक क्षमता पैदा करो , आप   के उपर जिसका जो अधिकार है उसे पूरी निष्ठा और इमानदारी से निभाते हुए पूरा करो । इसमे कोई कैटेगरी नहीं है । इसमें न कोई स्पेशल है और न तो कोई जनरल ये सब आप के अपने लोग हैं । जिसे आप ने बनाया हो , कमाया हो , या कोई रिलेशन हो , हैं तो आप के ?
तुम्हारे व्यवहार में , तुम्हारी सोंचों में और तुम्हारे कर्मों में ही जनरल और स्पेशल है । इससे मुक्त हो जाने में ही तुम्हारी भलाई है । सभी का एक बराबर स्नेह पाने का कोई और रास्ता नहीं है ।

कोई टिप्पणी नहीं: