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गुरुवार, 18 अप्रैल 2019

कुछ निशानी

किसी कि दि हुई कुछ निशानी       ।
किसी कि मुहब्बत भरी मेहरबानी ।।

महकती मेरी रात भी खुशबुओं से ।
मुकद्दर में होती अगर रात रानी    ।।

मेरे देस्तों वक्त आया है  ऐसा    ।
हो गया आज दूध से मंहगा पानी ।।

बदल जाएगा सारा मंजर यहाँ का ।
हकीकत कि है एक नई ये कहानी ।।

गुजरेगी क्या उस वक्त दिल पे जावेद ।
करेगा कोई जब गलत बज्जबानी    ।।


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