करोडों लोग इस दुनियां में भूखे मर रहे हैं ।
सियासत बाज लाशों पर सियासत कर रहे हैं ।।
दलाली और घोटाले हैं देखो हर तरफ ।
यहाँ कानून के माहिर खिलाड़ी डर रहे हैं ।।
तआज्जुब होता है यह पढ के अखबार में ।
कि चारा जानवर का आदमी भी चर रहे हैं ।।
मुख से गरीबों का निवाला छीन कर ।
कुछ लोग हैं जो पेट अपना भर रहे हैं ।।
बड़े माहिर खिलाड़ी हैं हमारे देश में जावेद ।
जो गरीबों का धन विदेशों में जमा कर रहे हैं ।।
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