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शनिवार, 20 अप्रैल 2019

देख कर

आंखों में अश्क आ गये कश्मीर देख कर ।
जन्नत में रहने वालों की तक़दीर देख कर ।।

बच्चे हमारे शहर के दहशत में आ गये  ।
कुछ बुझदिलों के हाथ में शमशीर देख कर ।।

जो है तेरे नसीब में तुझको मिलेगा वो  ।
आहें न भर गैरों की जागीर देख कर  ।।

शायर हूं मै जरूर मगर शायरी है तू  ।
लिखता हूँ गज़ल तेरी तस्वीर देख कर ।।

जावेद अभी कायम है मजनूँ का सिलसिला ।
हैरान क्यों है रेत पर तहरीर देख कर  ।।

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