कुछ लोग भी होते हैं चट्टान की तरह ।
सिर पे सवार रहते हैं शैतान की तरह ।।
आते हैं अपने साथ में लेकर तबाहियां ।
सैलाब कि तरह कभी तूफान की तरह ।।
ऐसे ही लोग जिंदगी को बर्बाद कर गये ।
दिल में जिसे बसाया था जान की तरह ।।
पहले तो जिस्म बिकते थे बाजार में मगर ।
बिकने लगा है प्यार भी सामान की तरह ।।
जावेद जरा अपने देश का दस्तूर तो देखो ।
मिलता है अपना हक भी यहाँ दान की तरह ।।
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